Wednesday, 19 February 2014

आंध्रप्रदेश पुनर्गठन (तेलंगाना) विधेयक पारित होने को स्वागत

अखिल भारतीय विधार्थी परिषद ने आज लोकसभा में आंध्रप्रदेश पुनर्गठन (तेलंगाना) विधेयक पारित होने को स्वागत योग्य कदम बताते हुए सभी क्षेत्रवासियों को हार्दिक बधाई दी है तथा लोकसभा के सभी सदस्यों को सहयोग हेतु धन्यवाद दिया है। अभाविप ने तेलंगाना के लिये आंदोलन करते हुए जीवन का बलिदान देने वाले छात्रों को यह जीत समर्पित की है।
अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रा. मुरली मनोहर ने कहा की अब दोनो क्षेत्रों के विकास के लिये सभी को मिलकर कार्य करना होगा, ताकि आंध्रप्रदेश के दोनो भागों का समुचित विकास हो सके। उन्होने यह भी कहा की आज हमें इस अवसर पर उन सभी लोगों के प्रयासों को भी याद करना चाहिये, जिन्होने ये मुददा उठाकर इसके लिये सम्पुर्ण योगदान व बलिदान दिया। सभी लोगों को सबके प्रति सहृदयता का भाव रखते आपसी मतभेद भूलाकर शांति से रहना चाहिये।
साथ ही उन्होने आंध्रप्रदेश के युवाओं व छात्रों से आह्वान करते हुए कहा की आप सभी आगे बढ़कर दोनो क्षेत्रों के संपूर्ण विकास हेतु पुरी तरह से जुट जायें तभी यह निर्णय सार्थक होगा।

INDGenius 'Uttishth Bharat' Youth Convention

I
14, 15 & 16 March 2014
SVYASA University, Bengaluru

Sessions:
Understanding India
Uttishth Bharat 
Reforms for Systemic Change
Vision for India's Future
INDGenius - Interaction with Youth Icons
INDGenius - Interaction with Social Leaders
INDGenius - Interaction with Youth Leaders

Notable Speakers

Dr V K Saraswat, Former Director General, DRDO
Rifleman Sanjay Kumar, Param Veer Chakra Awardee
Mata Vivekamayi ji, President Bhavatarini Ashram, Bengaluru
Shri Anand Kumar, Founder, Super 30
Colonel Rajyavardhan Singh Rathore, Olympic Silver Medalist
Dr Harish Hande, Founder Selco
Padmashree Mahesh Kamble, Founder Chairman, DICCI, Mumbai
Mrs Manan Chaturvedi, Founder, Surman Sansthan, Jaipur
Shri Dattatreya Hosbale, Thinker & Social Worker
Shri Sunil Ambekar, Educationist & Social Worker
Dr Varadraj Bapat, Faculty, IIT Bombay

This convention seeks participation of youngsters leading the charge on various fields from academia to arts, sports to social entrepreneurship on occasion of culmination of 150th Birth Anniversary Celebration of Swami Vivekananda, celebrated as valedictory event of the year long celebration. Youth Icons & Leaders from Industry, eminent Academicians and prominent sports personalities will address at INDGenius Youth Convention.

Idea for India - A Call for the Papers
Last date of Submission of ABSTRACT: 20 February 2014 (extended)
Email: office.indgenius@gmail.com

Topics (one from each group)
Theme: Reforms for Systemic Change
Judicial Reforms
Police Reforms
Electoral Reforms
Administrative Reforms
Education Reforms

Theme: Vision for India’s Future
Indian Economy
Science & Technology
Political and Security Issues
Environment
Human Resource Development through Innovation & Entrepreneurship

Organised by: Think India, SVYASA University & ABVP
Supported by: Students for Development (SFD) & Youth Against Corruption (YAC)

Registration: http://indgenius.thinkindiaonline.in/register-now/
Registration Fee: Rs 300 (Students), Rs 500 (Others)

Local Transport, Accommodation & Food during the conference will be provided by the organiser.

More Info: http://indgenius.thinkindiaonline.in/

Sunday, 9 February 2014

INDGenius Youth Convention

Hi There,

Greetings from INDGenius Youth Convention Team!
Think India, SVYASA University and ABVP are hosting this unique convention under INDGenius 'Uttishth Bharat' Youth Convention as a valedictory ceremony of the Celebration of 150th Birth Year of Swami Vivekananda (#Vivekanada150) on 14,15 & 16 March 2014 in Bengaluru (INDIA).

About the Convention
INDGenius comes from two words India and Genius; this event is envisaged to give platform to India’s young, talented men & women. This Convention is themed ‘Uttishth Bharat’, a clarion call to youth of the country by Swami Vivekananda. INDGenius – Youth Conventions is being hosted in serene ‘Prashanti Kutiram’, SVYASA University Campus, Bengaluru (Karnataka) welcomes the participation of young participants along with eminent scholar, social workers and personalities to share the dais with young geniuses.

Participation
Participation to event is twofold (online & off-line) and is selection based by the organising committee of the INDGenius Youth Convention.

Idea for India – A Call for the Paper
Any participant with Ideas for the welfare of the country can participate in Idea for India Presentation, Selected Ideas to be featured in the INDGenius Youth Convention.
Last Date for Submission of Abstract (Extended): 20 February 2014.

Communications:
Ashish Chauhan: +91 9427615135     | Naresh Dixit: +91 9880269820

Wednesday, 5 February 2014

If the fisherman thinks that he is the Spirit he will be a better fisherman, if the student thinks he is the Spirit, he will be a better student. If the lawyer thinks that he is the Spirit, he will be a better lawyer.

Saturday, 1 February 2014

कल्पना चावला का जन्म सन १९६१ मे हरियाणा के करनाल शहर मे एक मध्य वेर्ग्याई परिवार मे हुआ था | उसकी पिता का नाम श्री बनारसी लाल चावला तथा माता का नाम संज्योती था | वह अपने परिवार के चार भाई बहनों मे सबसे छोटी थी | कल्पना की प्रारंभिक पढाई लिखाई टैगोर काल निकेतन मे हुई | कल्पना जब आठवी कक्षा मे पहुची तो उसने इंजिनियर बनने की इच्छा प्रकट की | उसकी माँ ने अपनी बेटी की भावनाओ को समझा और आगे बढने मे मदद की | 

कल्पना का सर्वाधिक महत्व पूर्ण गुण था - उसकी लगन और जुझारू प्रवर्ती | प्रफुल्ल स्वभाव तथा बढ़ते अनुभव के साथ कल्पना न तो काम करने मे आलसी थी और न असफलता मे घबराने वाली थी | धीरे-धीरे निश्चयपूर्वक युवती कल्पना ने स्त्री - पुरुष के भेद-भाव से उपपर उठ कर काम किया तथा कक्षा मे अकेली छात्रा होने पर भी उसने अपनी अलग छाप छोड़ी | अपनी उच्च शिक्षा के लिये कल्पना ने अमेरिका जाने का मन बना लिया | उसने सदा अपनी महत्वाकाक्षा को मन मे सजाए रखा |

नवम्बर १९९६ मे अंतत: वह सब कुछ समझ गई | जब उसे अभियान विशेषज्ञ तथा रोबोट संचालन का कार्य सौपा गया | तब टेक कल्पना ना मे सम्नायता के .सी के नाम से विख्यात हो गई थी | वह नासा दवारा चुने गये अन्तरिक्ष यात्रियों के पंद्रहवे दल के सदस्य के रूप मे प्रशिक्षण मे सम्लिलित हो गई | पहली बार अंतरिक्ष यात्रा का स्वपन १९ नवम्बर १९९७ को भारतीय समय के अनुसार लगभग २ बजे एस.टी.एस-८७ अंतरिक्ष यान के द्वारा पूरा हुआ | कल्पना के लिए येहे अनुभव स्वं में विनम्रता व जागरूकता लिए हुआ था कि किस प्रकार पृथ्वी के सौन्दर्य एवम उसमें उपलब्ध धरोहरों को संजोये रखा जा सकता है|
नासा ने पुनः कल्पना को अंतरिक्ष यात्रा के लिए चुना | जनवरी १९९८ में उसे शटल यान के चालक दल का प्रतिनिधि धोषित किया गया और शटल संशन फलाइट क्रू के साजसामान का उत्तरदायित्व दिया गया |बाद में वह चालक दल प्रणाली तथा अवासीयें विभाग कि प्रमुख नियुक्त की गयी | सन २००० में उसे एस.टी.एस -१०७ के चालक दल में सम्मलित किया गया

अंतरिक्ष यान का नाम कोलंबिया रखा गया जिसकी तिथि १६ जनवरी २००३ निश्चित की गई | एस .टी .एस - १०७ अभियान वैज्ञानिक खोज पर केन्द्रित था | प्रतिदिन सोलह घंटे से अधिक कार्य करने पर अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी सम्बन्धी वैज्ञानिक अंतरिक्ष विज्ञान तथा जीव विज्ञान पर प्रयोग करते रहे |
सभी तरह के अनुसंधान तथा विचार - विमर्श के उपरांत वापसी के समय पृथ्वी के वायुमंडल मे अंतरिक्ष यान के प्रवेश के समय जिस तरह की भयंकर घटना घटी वह अब इतिहास की बात हो गई | नासा तथा सम्पूर्ण विश्व के लिये यह एक दर्दनाक घटना थी | कोलंबिया अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा मे प्रवेश करते ही टूटकर बिखर गया कल्पना सहित उसके छै साथियों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु से चारो ओर सन्नाटा छ: गया |

इन सात अंतरिक्ष यात्रियों की आत्मा , जो फ़रवरी २००३ की मनहूस सुबह को शून्य मे विलीन हुई,सदैव संसार मे विदयमान रहेगी | करनाल से अंतरिक्ष तक की कल्पना की यात्रा सदा हमारे साथ रहेगी |