कार्य बहुत है ,उनकी सूचि बहुत लम्बी है | विद्यार्थी परिषद् छात्रो को बस यह बताएगी कि क्या करना है ,क्या होना चाहिए और क्यों होना चाहिए | उसे कैसे करना है ,उसका माध्यम क्या होना चाहिए और उसके लिए हमे स्वम् में क्या क्या कौशल्यो का निर्माण करना है उसका चिंतन प्रत्येक छात्र को स्वम करना होगा | परिषद् सिर्फ साध्य बताएगी , उस साध्य को प्राप्त करने के लिए साधन कि व्यवस्था करना यह हमारा काम है !
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