Monday, 14 April 2014
हमे किसी विचारधारा विशेष का विरोध नहीं है ! कोई भी विचारधरा जिसका अंतिम उद्देश्य विश्व कल्याण है हमे मान्य है ! बस विचारधारा का अनुकरण करते समय यह स्पष्ट रहना चाहिए की अन्य विचाधारा भी उसी कार्य हेतु कार्यरत है ! अतः व्यर्थ अपना समय दिखावे में न खर्च करते हुआ रचनामक कार्य करते रहन चाहिए ! याद रहे ,विचारधारा और मानवीय रिश्ते को कभी मिलाना नहीं चाहिए ,सामने वाला किसी भी विचारधारा का क्यों न हो ,वह हमारे कार्य का निम्मित है और हमे उसके विकास के लिए कार्य करना है ,इस विषय में कोई दुविधा नहीं रहना चाहिए ! यदि आपने ऐसा नहीं किया तो संघठन कभी सर्वभोम और सर्व व्यापक नहीं हो सकता , वह मंत्र एक समूह का संगठन बनकर रह जायेगा !
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